Bonus Shares: शेयर बाजार में बोनस शेअर का ऐलान निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना होती है। अक्सर यह सवाल उठता है कि बोनस शेअर जारी होने के बाद शेयर की कीमत क्यों कम हो जाती है। इस लेख में हम सरल और आसान भाषा में यह समझने की कोशिश करेंगे कि बोनस शेअर का प्रभाव कैसे होता है और निवेशकों को इसे समझते हुए क्या रणनीति अपनानी चाहिए।
बोनस शेअर (Bonus Shares) क्या है?
बोनस शेअर का मतलब है कि कंपनी अपने शेयरधारकों को उनके पास मौजूद शेयर्स की संख्या के अनुपात में मुफ्त में अतिरिक्त शेयर्स देती है। उदाहरण के लिए, अगर कोई कंपनी 1:1 बोनस शेअर की घोषणा करती है, तो इसका अर्थ है कि आपके पास जितने शेयर्स हैं, उतने ही और शेयर्स आपको मुफ्त में मिलेंगे।
बोनस शेअर से शेयर की कीमत क्यों घटती है?
जब किसी कंपनी द्वारा बोनस शेअर जारी किए जाते हैं, तो शेयरों की कुल संख्या बाजार में बढ़ जाती है। हालांकि, कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) वही रहता है।
इसलिए, प्रति शेयर मूल्य (Share Price) घट जाता है। इसे ऐसे समझें:
- पहले: आपके पास 1 शेयर था जिसकी कीमत ₹3514 थी।
- बाद में: बोनस के बाद आपके पास 2 शेयर्स होंगे, लेकिन प्रति शेयर कीमत घटकर लगभग आधी यानी ₹1741 हो जाएगी।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भले ही शेयर की कीमत घटती है, लेकिन आपके निवेश की कुल कीमत (Investment Value) पर कोई असर नहीं पड़ता।
टीसीएस के उदाहरण से समझें
टीसीएस (Tata Consultancy Services) ने 2018 में 1:1 बोनस की घोषणा की थी।
- कम डेट (Cum Date): 30 मई 2018
- एक्स डेट (Ex Date): 31 मई 2018
- रेकॉर्ड डेट (Record Date): 2 जून 2018
30 मई 2018 को टीसीएस का शेयर ₹3514.10 पर बंद हुआ। बोनस की घोषणा के बाद, 31 मई 2018 को शेयर की कीमत घटकर ₹1741 हो गई।
हालांकि, यह कीमत सटीक आधी (₹1757) नहीं हुई, और यही वह जगह है जहां बाजार के विशेषज्ञ भी भ्रमित हो सकते हैं।
बोनस शेअर और सामान्य निवेशक की मानसिकता
बहुत बार देखा गया है कि निवेशक बोनस शेअर के लालच में अपनी रणनीति बदल देते हैं और नुकसान उठाते हैं। बोनस शेअर के समय सामान्य निवेशकों की सबसे बड़ी गलती है बाजार के झांसे में आकर भावनात्मक फैसले लेना।
लेकिन, एक अनुभवी निवेशक इससे पहले ही सही समय पर अपना मुनाफा निकालकर निकल जाता है।
बोनस शेअर की “मेख” या जटिलता
टीसीएस के उदाहरण में, शेयर की कीमत ₹1757 होने की बजाय ₹1741 हो गई। यह अंतर क्यों होता है?
- यह बाजार की मांग और आपूर्ति (Demand & Supply) पर निर्भर करता है।
- कभी-कभी निवेशक बोनस शेअर के बाद शेयर बेचने लगते हैं, जिससे कीमत पर दबाव पड़ता है।
- इसीलिए, बाजार में बोनस के दौरान कीमतें गणितीय हिसाब से थोड़ी अलग हो सकती हैं।
बोनस शेअर पर मेरी राय
अगर कोई कंपनी बोनस शेअर की घोषणा करती है, तो इसे हमेशा निवेश का अवसर न मानें। यह जरूरी नहीं है कि बोनस के बाद शेयर की कीमत में वृद्धि होगी।
अनुभवी निवेशक बोनस घोषणा से पहले ही लाभ कमा लेते हैं, जबकि नए निवेशक अक्सर मोह में फंस जाते हैं।
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बोनस शेअर के साथ सही रणनीति
- बोनस का लालच न करें: हमेशा दीर्घकालिक (Long-Term) नजरिए से निवेश करें।
- मूल्यांकन करें: कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाओं का मूल्यांकन करें।
- समय पर मुनाफा निकालें: अगर आपने अच्छा मुनाफा कमा लिया है, तो बोनस की प्रतीक्षा किए बिना मुनाफा निकालें।
- निवेश का उद्देश्य समझें: शेयर बाजार में निवेश करते समय अपने लक्ष्य को स्पष्ट रखें।
निष्कर्ष (Bonus Shares)
शेयर बाजार में बोनस शेअर (Bonus Shares) एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन इसे समझदारी से हैंडल करना जरूरी है। बोनस के समय भावनाओं में बहने के बजाय सही विश्लेषण और योजना बनाकर आप लंबे समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
शेयर बाजार में सफलता पाने के लिए अलग सोच और धैर्य की जरूरत होती है। याद रखें, बोनस केवल कंपनी की नीतियों का हिस्सा है, यह आपके मुनाफे की गारंटी नहीं है।
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