इन स्टॉक्स पर सबसे ज्यादा दांव लगा रहे हैं छोटे निवेशक: देखिये जोखिम, रिटर्न और रिटेल निवेशकों की बदलती रणनीति

भारतीय शेयर बाजार में हाल के दिनों में स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। पिछले तीन महीनों में बीएसई स्मॉलकैप में 8% और मिडकैप इंडेक्स में 7% की गिरावट दर्ज की गई है। इस गिरावट के बावजूद, रिटेल निवेशकों ने इन सेगमेंट्स में अपनी रुचि बनाए रखी है। आइए समझते हैं कि कैसे और क्यों छोटे निवेशक इन शेयरों पर दांव लगा रहे हैं और उनके इस फैसले का उनके निवेश पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।

भारतीय बाजार में गिरावट के कारण

भारतीय बाजार में आई गिरावट के पीछे कई प्रमुख वजहें हैं:

  • विदेशी निवेश का आउटफ्लो: जनवरी 2025 तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से ₹50,000 करोड़ से अधिक की निकासी की है।
  • कॉरपोरेट इनकम में मंदी: कंपनियों की आय में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ।
  • अर्थव्यवस्था में सुस्ती: अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेतों ने भी बाजार को दबाव में रखा।

रिटेल निवेशकों का बढ़ता दांव

हालांकि, बाजार की गिरावट के बावजूद रिटेल निवेशकों ने अक्टूबर-दिसंबर 2024 के दौरान स्मॉलकैप शेयरों में अपनी होल्डिंग बढ़ाई है। इनमें से कुछ शेयरों ने निवेशकों को 6 महीनों में 253% तक का रिटर्न दिया है।

शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शेयर
शेयर का नामरिटर्न (पिछले 6 महीने)
किटेक्स गारमेंट्स253%
वी2 रिटेल210%
इंद्रप्रस्थ मेडिकल190%
अन्य प्रमुख शेयर

पोकरना, लॉयड्स मेटल्स, सियाराम सिल्क मिल्स, अनंत राज, प्रिसिजन कैमशाफ्ट्स और ऑथम इन्वेस्टमेंट्स जैसे शेयरों ने भी 80% से अधिक का रिटर्न दिया है।

रिटेल निवेशकों की रणनीति में बदलाव

रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी यह दर्शाती है कि उन्होंने बाजार की गिरावट के बावजूद अपने पसंदीदा शेयरों में भरोसा बनाए रखा है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि कभी-कभी रिटेल निवेशकों की खरीदारी डिस्ट्रीब्यूशन फेज का हिस्सा हो सकती है, जिसमें जानकारी रखने वाले निवेशक अपनी होल्डिंग बेचते हैं।

बाजार के विश्लेषकों की राय

  • वैल्यूएशन अभी भी महंगा: एनालिस्ट्स का मानना है कि भले ही बाजार में करेक्शन हुआ हो, लेकिन वैल्यूएशन पूरी तरह से सस्ता नहीं हुआ है।
  • सावधानी की जरूरत: स्मॉलकैप शेयरों में जोखिम अधिक होता है। इसलिए, निवेशकों को सोच-समझकर और अपने रिस्क टॉलरेंस के अनुसार निवेश करना चाहिए।
  • डिफेंसिव सेक्टर्स में रुचि: कुछ डिफेंसिव सेक्टर्स में निवेशकों का रुझान बढ़ा है, जहां स्थिरता और मजबूत प्रदर्शन की संभावना है।

निवेशकों के लिए सुझाव

अगर आप स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो इन बिंदुओं को ध्यान में रखें:

  • अपने रिस्क प्रोफाइल को समझें: स्मॉलकैप शेयरों में निवेश करते समय हमेशा अपने रिस्क प्रोफाइल और फाइनेंशियल गोल्स को ध्यान में रखें।
  • फंडामेंटल्स पर ध्यान दें: ऐसे शेयरों का चयन करें जिनकी फंडामेंटल वैल्यू मजबूत हो और कंपनी का प्रदर्शन बेहतर हो।
  • डायवर्सिफिकेशन करें: अपने पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें। केवल स्मॉलकैप शेयरों पर निर्भर रहना जोखिम भरा हो सकता है।
  • एक्सपर्ट की सलाह लें: किसी भी निवेश से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

निवेश का सही समय?

विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों ने हाल के दिनों में शानदार रिटर्न दिए हों, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि यह ट्रेंड आगे भी जारी रहेगा। बाजार में उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए, लंबी अवधि की रणनीति के साथ निवेश करना बेहतर हो सकता है।

निष्कर्ष

भारतीय शेयर बाजार में मौजूदा गिरावट ने रिटेल निवेशकों के लिए कुछ नए अवसर पैदा किए हैं। हालांकि, स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में निवेश जोखिम के साथ आता है। समझदारी से चयन और लॉन्ग-टर्म सोच के साथ निवेश करना ही सफलता की कुंजी है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से राय लें।

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